Happy Maha Shivratri 2020: Wishes, Messages, Quotes, Images, Facebook & Whatsapp status, शिवरात्रि की पूजा विधि,21 फरवरी 2020, | Love Status

Happy Maha Shivratri 2020: Wishes, Messages, Quotes, Images, Facebook & Whatsapp status, शिवरात्रि की पूजा विधि,21 फरवरी 2020,

Happy Maha Shivratri 2020: Wishes, Messages, Quotes, Images, Facebook & Whatsapp status







Maha Shivratri is an important Hindu festival, which is celebrated annually in the honour of Lord Shiva. It is said that Lord Shiva got married to Goddess Parvati on this day. Some believe that Shiva performed the dance of preservation. creation and destruction on this night. So, from the marriage of Shiva to Lord Shiva's, there are several stories associated with the day of Maha Shivratri. The day also marks the remembrance of overcoming darkness and ignorance in life.

The devotees observe a strict fast on this day followed by worshiping Lord Shiva. Some devotees keep the nirjala fast, which means they don't even consume a drop of water the entire day. The temples are over crowded with devotees and people sing bhajans an chant 'Om Namah Shivay'.

This year Maha Shivratri will be celebrated on February 21. On this auspicious occasion, here are some wishes, messages, quotes, images, Facebook and Whatsapp status that you can share with your loved ones.






The Chaturdashi timings will begin from 5.20 pm on February 21 and will continue till 7.02 pm on February 22.

On the occasion of Mahashivratri, may the lord Shiva bless you everything that you want from life.

Spend the whole night of Shivratri by chanting the name of Lord Shiva and seek his divine blessings! A very 
Happy Maha Shivratri
 to you and your family!



Keep saying Om Namah Shivay! May the blessings of Lord Shiva remain with you throughout your life. Happy Maha Shivratri, 2019!

Let’s spend the night of Shivratri by chanting the name of Lord Shiva and seek his divine blessings!

May the divine glory remind you of your capabilities, and help you in attaining success. Happy Maha Shivaratri 2020 to you!

May Lord Shiva answer all yours and his blessings may always be with you. 
Happy Maha Shivratri 2020
 to you!

May lord shiva shower his blessings on you and your family. May you be surrounded with his eternal love and strength Happy Maha Shivratri 2020!



May Lord Shiva shower upon you all his choicest endowments on this Maha Shivratri, Jai Shiva Shankar.

Maha Shivratri Mubaarak ho! Apka aage ka saal mangalmaye ho.

A day when positivity wins over negativity! Har Har Mahadeva, Happy Maha Shivratri 2020!

Lord Shiva fills into us his divine blessings and gives us solidarity to move forward with truth, purity, and divinity. A happy Maha Shivaratri to all. Har Har Mahadev!

May Lord Shiva guide you all your life! Sending you my best wishes this Maha Shivratri

May Shiva favor you with great wellbeing, joy and success, Om Namah Shivay!

May Lord Shiva answer all your prayers and his blessings always be with you. Happy Maha Shivaratri 2020 to you!





May Shiva favour you with great wellbeing, joy and success, Om Namah Shivay!

On the occasion of Maha Shivratri, may the Lord bless you everything that you want from life.

May Lord Shiva guide you all your life! Sending you my best wishes this Maha Shivaratri

May all your wishes come true and the blessings of God remain with you always. Happy Maha Shivratri!



May this morning bring a positive change in your life. Celebrate the day with full devotion. Happy Maha Shivratri to you.

On the occasion of Maha Shivratri may the almighty Lord Shiva bless you all good things and perfect health. Happy Maha Shivratri to you!

This Shivratri may Shivji shower his blessings on all of you and shower happiness upon each of your family members. Wishing you all a very Happy Mahashivra

May all your prayers be granted by Bhagwaan Shiva! Wishing you a Happy Maha Shivratri 2020!







May all your wishes come true and the blessings of God remain with you always. Happy Maha Shivratri!

Happy Maha Shivratri god bless you all with lots and, Lots of happiness, your wishes. Will be accomplished #omnamahshivaya

Happy Maha Shivaratri, On the auspicious day of Maha Shivratri, May the lord fulfil all your wishes and bless you with a happy life.






Maha Shivratri (Maha Shivaratri) 2020 Date, Puja Vidhi, Muhurat: महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए बेहद ही खास होता है। क्योंकि इस दिन को शिव भगवान के जन्म के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि एक बार भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद चल रहा था। तब उनके विवाद को सुलझाने के लिए भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए। एक दूसरी मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए भी ये दिन खास है।


साल में आती है 12 शिवरात्रि: एक साल में कुल 12 शिवरात्रि आती हैं यानी कि हर महीने में एक शिवरात्रि। साल में आने वाली सभी शिवरात्रियों में से फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि का सबसे अधिक महत्व माना जाता है। इसके बाद सावन में आने वाली बड़ी शिवरात्रि शिव भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। शिवरात्रि व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रखा जाता है। माना जाता है कि शिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि में भगवान शिव एक लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसलिए शिवरात्रि की पूजा रात को करने का विशेष महत्व होता है।



महाशिवरात्रि का इतिहास: शिव पुराण की कथा के अनुसार एक बार ब्रह्माजी व विष्णुजी में विवाद छिड़ गया कि दोनों में श्रेष्ठ कौन है। ब्रह्माजी सृष्टि के रचयिता होने के कारण श्रेष्ठ होने का दावा कर रहे थे और भगवान विष्णु पूरी सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में स्वयं को श्रेष्ठ कह रहे थे। तभी वहां एक विराट लिंग प्रकट हुआ। दोनों देवताओं ने सहमति से यह निश्चय किया गया कि जो इस लिंग के छोर का पहले पता लगाएगा उसे ही श्रेष्ठ माना जाएगा।
अत: दोनों विपरीत दिशा में शिवलिंग की छोर ढूढंने निकले। छोर न मिलने के कारण विष्णुजी लौट आए। ब्रह्मा जी भी सफल नहीं हुए परंतु उन्होंने आकर विष्णुजी से कहा कि वे छोर तक पहुँच गए थे। उन्होंने केतकी के फूल को इस बात का साक्षी बताया। ब्रह्मा जी के असत्य कहने पर स्वयं शिव वहाँ प्रकट हुए और उन्होंने ब्रह्माजी की एक सिर काट दिया, और केतकी के फूल को श्राप दिया कि शिव जी की पूजा में कभी भी केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं होगा।
चूंकि यह फाल्गुन के महीने का 14 वा दिन था जिस दिन शिव ने पहली बार खुद को लिंग रूप में प्रकट किया था। इस दिन को बहुत ही शुभ और विशेष माना जाता है और महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है.



महाशिवरात्रि 2020: 117 सालों बना ऐसा योग, जानें शिवरात्रि पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, शिव स्तुति मंत्र समेत सब कुछ




Maha Shivaratri 2020 Pooja vidhi shubh muhurat timings: महाशिवरात्रि का पावन पर्व आज श्रद्धा, उल्लास से मनाया जा रहा है। भगवान शिव के दर्शनों के लिए मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। शिवालयों में भोर से दर्शन, पूजन अभिषेक के लिए भक्तों की कतार लगी हुई हैं।  मंदिरों में हर-हर महादेव की गूंज से साथ भक्त भगवान शिव का आशीष प्राप्त कर रहे हैं। शिव उपासक शुभ मुहूर्त में शिवरात्रि के चारों पहर में अभिषेक पूजन करेंगे। इस बार शिव भक्तों को खास संयोग में अभिषेक का अवसर मिल रहा है। इस बार यह पर्व और भी अधिक खास है। 117 साल बाद शिवरात्रि पर शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में और शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि मीन में है। यह एक दुर्लभ योग है, जब यह दोनों बड़े ग्रह शिवरात्रि पर इस स्थिति में है। इससे पहले 25 फरवरी 1903 को ठीक ऐसा ही योग बना था और शिवरात्रि मनाई गई थी। 
आज महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। बुध और सूर्य कुंभ राशि में एक साथ हैं। इस वजह से बुध-आदित्य योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन सभी ग्रह राहु-केतु के मध्य रहेंगे। इस वजह से सर्प योग भी बन रहा है। शिवरात्रि पर राहु मिथुन राशि में और केतु धनु राशि में रहेगा। शेष सभी ग्रह राहु-केतु के बीच रहेंगे। सूर्य और बुध कुंभ राशि में, शनि और चंद्र मकर राशि में, मंगल और गुरु धनु राशि में, शुक्र मीन राशि में रहेगा।



महाशिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त 
महाशिवरात्रि की तिथि: 21 फरवरी 2020,, शिवयोग ने बढ़ाया महाशिवरात्रि का महात्म्य
महाशिवरात्रि आरंभ - 21 फरवरी शाम 05:22 बजे
महाशिवरात्रि समापन -22 फरवरी शाम 07:03 बजे
शिवयोग का आरंभ:  21 फरवरी 01:32 बजे
शिवयोग का समापन: 22 फरवरी 03: 31 बजे
महानिशीथ काल का आरंभ- 21 फरवरी रात्रि 12:09 बजे
महानिशीथ काल का समापन- 22 फरवरी रात्रि 01:02 बजे
महा शिवरात्रि पर शुक्रवार शाम 6:18 बजे प्रथम प्रहर की पूजा शुरू होगी, द्वितीय प्रहर की पूजा रात्रि 9:29 बजे से, तृतीय प्रहर की पूजा मध्यरात्रि 12:40 बजे से, चतुर्थ प्रहर की पूजा प्रातः 3:53 बजे से शनिवार 22 फरवरी 2020 के सूर्य उदयकाल 7:03 बजे तक रहेगा। इस दौरान भगवान शिव की आराधना से विशेष लाभ मिलेगा।



शिवरात्रि की पूजा विधि-
- शिव रात्रि के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करके भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान करवाएं।
- उसके बाद भगवान शंकर को केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं।
- इस दिन पूरी रात दीपक जलाकर रखें।
- भगवान शंकर को चंदन का तिलक लगाएं।
- तीन बेलपत्र, भांग धतूरा, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं। सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें।
 - पूजा में सभी उपचार चढ़ाते हुए ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें।
शिव स्मरण के लिए
भक्त को चाहिए कि वह शिव स्तुति, शिव सहस्रनाम, शिव महिम्नस्तोत्र, शिव चालीसा, रुद्राष्टकम, शिव पुराण आदि का पाठ करना चाहिए। यदि उपक्त पाठ करने में किसी प्रकार की बाधा हो रही हो तो पंचाक्षरी मंत्र 'नम:शिवाय' का जप ही निरंतर करना चाहिए। महाशिवरात्रि में जागरण करना शास्त्रों में अनिवार्य बताया गया है। 





ऊं नम: शिवाय का जाप करें
महाशिवरात्रि पर पूरे दिन ऊं नम: शिवाय का जाप मन ही मन करते रहें। शिवरात्रि पर बेलपत्र, धतूरा, बेर अर्पित करने भगवान की कृपा मिलती है। कहा जाता है कि शिवरात्रि के दिन मिट्टी से बनाए गए शिवलिंग के पूजन का विशेष महत्व है। पूजा करने के बाद भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए। पुष्प अर्पित करने के बाद आरती करें और भगवान की परिक्रमा करें। लेकिन परिक्रमा करते समय ध्यान रखें कि शिव की परिक्रमा सम्पूर्ण नहीं की जाती है। जिधर से चढ़ा हुआ जल निकलता है उस नाली का उलंघन नही किया जाना चाहिए। वहां से प्रदक्षिणा उल्टी की जाती है। इस दिन शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे भक्त भय से मुक्त हो जाता है: 
जानें कब है महाशिवरात्रि, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि भी जान लें
कैसे करें व्रत
पूरा दिन भगवान शिव के चरणों में भक्ति के साथ बिताना चाहिए। सुबह सबसे पहले  जल में काले तिल मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद भोले शंकर के शिवलिंग पर दूध, शहद से अभिषेक कराना चाहिए। अभिषेक करते समय ओम नम: शिवाय का जाप करना चाहिए।  इस व्रत करें तो ध्यान रखें कि चावल, आटा और दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर निराहार व्रत नहीं रख सकते तो इस दिन फ्रूट्स, चाय, दूध ले सकते हैं। शाम को कूट्टू के आटे से बनी पूड़ी, सिंगाड़े का आटा ले सकते हैं। इसके अलावा आलू और लौकी का हलवा भी ले सकते हैं। 
अगर आप पूरे दिन निराहार व्रत रखना चाहते हैं तो अगले दिन स्नान करके व्रत का पारण कर सकते हैं। इस बीच रात्रि में भोले शंकर का जागरण करना चाहिए। कहा जाता है कि शिवरात्रि में संपूर्ण रात्रि जागरण करने से महापुण्य फल की प्राप्ति होती है। 
आइए जानें शिव चालीसा
॥दोहा॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
॥चौपाई॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥



॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान। अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
राशियों के अनुसार पूजन, दान
मेष : भगवान शिव को दूध, दही, धतूरा, लाल रंग का पुष्प चढ़ाएं।
वृषभ : स्फटिक शिवलिंग की पूजा करें। लाल गुलाब, चंदन और कुमकुम चढाएं।
मिथुन : गन्ने के रस से अभिषेक करें और लाल मसूर की दाल गरीबों को दान दें।
कर्क : भगवान शिव का अष्टगंध और हल्दी से अभिषेक करें।
सिंह : केवड़े का पुष्प और विल्वपत्र अर्पित करें।
कन्या : बेर, धतूरा, भांग, विल्वपत्र और शिव को चढ़ाएं।
तुला : जल में सात प्रकार के पुष्प डालकर अभिषेक करें।
वृश्चिक : जल में शहद और घी डालकर अभिषेक करना चाहिए।
धनु : चंदन से भगवान शिव का अभिषेक करें और सूखे मेवे का भोग लगाएं।
मकर : जल में काला तिल मिलाकर अभिषेक करें। गरीबों को गेहूं दान दें।
कुंभ : भगवान शिव को भांग अर्पित करें और काले व सफेद तिल से पूजा करें।
मीन : जल में चने की दाल डालकर अभिषेक करना चाहिए।


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Milan Tomic

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